प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को लेकर हाल ही में एक बहुत बड़ा अपडेट सामने आया है। इस अपडेट के बाद पात्र लाभार्थियों को उनका आवास मिलने में अब कोई कठिनाई नहीं आएगी। पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना का लाभ उठाने के लिए लोग खुद से आवेदन नहीं कर पाते थे। उन्हें अपने ब्लॉक ऑफिस में जाकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना पड़ता था। यह प्रक्रिया काफी कठिन थी। कई बार अधिकारियों द्वारा जानबूझकर कुछ कमियां निकाली जाती थीं, जिससे पात्र व्यक्ति को भी लाभ नहीं मिल पाता था।
इसके अलावा, अक्सर ग्राम प्रधान और अधिकारियों के बीच मिलीभगत देखी जाती थी। वे उन्हीं को लाभ पहुंचाते थे, जो उनके खास वोटर होते थे। असली जरूरतमंद, जिनके पास घर नहीं था, वे इस योजना से वंचित रह जाते थे।
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अब, सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। यूपी ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए गए एक ट्वीट में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में अब महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थी स्वयं विभागीय पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
ग्रामीण भी पोर्टल के माध्यम से अनलाइन आवेदन कर सकेंगे
पहले, शहरी क्षेत्रों के लोग पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते थे, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह सुविधा नहीं थी। अब यह सुविधा ग्रामीणों के लिए भी उपलब्ध कराई गई है। इससे लोगों को ब्लॉक कार्यालयों में चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह बदलाव न केवल सुविधा को बढ़ाएगा बल्कि प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष भी बनाएगा।
महिलाओं को प्राथमिकता
महिलाओं को इस योजना में प्राथमिकता दी गई है। इसका उद्देश्य है कि परिवारों में महिलाओं को अधिक अधिकार और सम्मान मिले। जैसा कि पहले राशन कार्ड योजना में महिलाओं के नाम पर कार्ड जारी किए गए थे, वैसा ही कुछ प्रधानमंत्री आवास योजना में भी किया जा रहा है।
हर पात्र परिवार को इस योजना का लाभ
हालांकि, यदि किसी परिवार में महिला नहीं है, तो यह नहीं माना जाएगा कि वह परिवार इस योजना का लाभ नहीं उठा सकता। ऐसे मामलों में, पुरुष सदस्य के नाम पर भी आवास जारी किया जाएगा। यह बदलाव यह सुनिश्चित करता है कि हर पात्र परिवार को इस योजना का लाभ मिले, चाहे परिवार में महिला हो या न हो।
ऑफलाइन आवेदन भी किए जा सकेंगे
एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया बंद नहीं की गई है। जो लोग स्वयं आवेदन करने में असमर्थ हैं, वे ग्राम विकास अधिकारी या अन्य संबंधित अधिकारियों के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं।
अब नहीं चलेगी अधिकारियों और प्रधानों की मनमानी
पहले यह देखा गया था कि ग्राम पंचायत अधिकारियों और प्रधानों द्वारा आवेदन प्रक्रिया में पक्षपात किया जाता था। लेकिन अब, सरकार ने आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए कई बदलाव किए हैं। इन बदलावों के तहत, आवेदकों को जियो-टैगिंग और फेस वेरिफिकेशन जैसी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
यह नई व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि योजना का लाभ सभी सही व्यक्तियों तक पहुंचे। पंचायतों में प्रधान और अधिकारी अपनी मनमानी से आवेदन की प्रक्रिया को नियंत्रित ना कर पाए।
अब सचिव, लेखपाल, और पंचायत अधिकारियों को भी पोर्टल के माध्यम से लॉग इन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान चेहरे की पहचान और जियो-टैगिंग अनिवार्य होगी।
नरेगा जॉब कार्ड होगा तो अतिरिक्त मजदूरी भी मिलेगी
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पात्र लाभार्थियों को 1,20,000 रुपये की राशि आवास निर्माण के लिए दी जाती है। यदि आवेदक के पास नरेगा जॉब कार्ड है, तो उन्हें अतिरिक्त मजदूरी भी दी जाएगी।
इसके साथ, ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को और सरल बना दिया गया है। अब, “PMY-G Awaas Plus 2” नामक पोर्टल पर आवेदक स्वयं अपने आधार कार्ड का सत्यापन करके आवेदन कर सकते हैं। सत्यापन के बाद, एक एप्लिकेशन फॉर्म उपलब्ध होगा, जिसे भरकर आवेदन पूरा किया जा सकता है।
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प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
इस योजना का लाभ केवल उन परिवारों को मिलेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आते हैं और जिनके पास अपना घर नहीं है।
हां, आधार कार्ड के बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती। यह योजना की पात्रता को सत्यापित करने के लिए आवश्यक है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए पीएमएवाई-जी आवास प्लस टू पोर्टल पर जाएं। आधार सत्यापन के बाद फॉर्म भरें और सबमिट करें।
ऐसे मामलों में, परिवार के पुरुष सदस्य के नाम पर आवास जारी किया जाएगा।
नहीं, ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया जारी रहेगी। जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे संबंधित अधिकारियों के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
पात्र लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए 1,20,000 रुपये की राशि दी जाती है।